कोरोना का कोहराम कब तक...!

 कोरोना वायरस का आखिर क्या है सच...?
जयपुर। राजधानी जयपुर के अस्पतालों में कोरोनावायरस के ग्रस्त व्यक्तियों के होने की सूचना ने पूरे प्रदेश में जहां हड़कंप मचा दिया है। वहीं बाहर से आने वाली फ्लाइट की जांच भी शिद्दत के साथ की जा रही है और किसी भी तरह की लापरवाही सरकार नहीं करना चाह रही है। सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त हैं एवं हर यात्री की गंभीरता से और गहनता से जांच हो रही है। लेकिन इन तमाम बातों के पीछे आखिर सच्चाई क्या है...? कहीं कोरोना वायरस कोई राजनीतिक स्टंट तो नहीं है ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और चिकित्सा महकमे को कटघरे में खड़ा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकीं जा सके। हालांकि सरकार ने जागरुकता अभियान चला दिया है और पूरे प्रदेश में सीमावर्ती जिलों में साथ ही एयरपोर्ट पर एवं रेलवे स्टेशन पर पूरी कठोरता के साथ टीमें तैनात कर रखी हैं। वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों के वारे न्यारे हो रहे हैं जुखाम सर्दी और हाथ पैरों में टूटन के साथ ही कोरोना के मिलते जुलते सिम्टम्स यदि कोई व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत अस्पताल में एडमिट किया जा रहा है इससे प्राइवेट अस्पतालों की चांदी हो रही है। कोरोना वायरस का इतना प्रचार प्रसार और ढिंढोरा पीटा जा रहा है। कहीं इसके पीछे निजी चिकित्सालय के मालिक तो इन्वेस्ट नहीं कर रहे। वही मीडिया भी इसे बड़ा तूल दे रहा है। इसके पीछे के कारणों पर कोरोना वायरस से  नहीं डरते हुए  इस पर गौर करना बेहद जरूरी है।