खूब जमीं फ़ाग की महफ़िल

खूब जमीं फ़ाग की महफ़िल
- सांवरमल कथक ने रची सुरों की कायनात
जयपुर। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं कला मर्मज्ञ अशोक पांड्या के निवास पर फागोत्सव में शहर के कई कला पारखी और संगीत रसिक एकत्रित हुए। बैठक परम्परा की इस संगीत सभा में प्रदेश के वरिष्ठ फनकार सांवरमल कथक ने अपनी लोचदार एवं आंसदार आवाज में सुरों की मखमली जाजम बिछाई। धीमो मंदरो चाल बायरिया....को पूर्ण मनोयोग से पेशकर भरपूर वाहवाही पाई। इसके बाद होली की मस्ती से महफ़िल को सराबोर करते हुए मेरी चुनर में पड़ गयो दाग री....कैसो चटक रंग डारयो....नैणा नीचा करले श्याम सैं मिलावली कांई ए...म्हारी घूमर छ नखराली ए मां....म्हाने बैरण आवै हिचकी....आदि की शानदार प्रस्तुति दी।  तबले पर पं. परमेश्वर कथक, राहुल कथक और ढोलक पर मोहित ने प्रभावी संगत कर महफ़िल को परवान चढ़ाया। 
संगीत सभा में पूर्व उपमहापौर मनीष पारीक, पार्षद अजय यादव, रंगकर्मी अनिल मारवाड़ी, सौरभ भट्ट, राजेन्द्र शर्मा राजू, मनोज स्वामी, गीतकार बनज कुमार बनज, नृत्यगुरु पं. राजेन्द्र राव समेत कई विशिष्टजन मौजूद थे।