राहुल गौतम/
विशेष रिपोर्ट
बेटियों के लिए हमेशा से ही कठोर परीक्षा का दौर देखने को मिला है। पुरुष प्रधान समाज ने चाहे चोरी छुपे ही क्यों न हो बेटियों को तिरस्कार भाव से देखा है। बेटों को उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी है लेकिन यह भी पूरी तरह सत्य है कि बेटियों ने माता-पिता को उम्र के उस मुहाने पर भी संभाला है जब उत्तराधिकारी पुत्रों ने सहारा देने से मुंह मोड़ लिया था।
कालबेलिया नृत्यांगना गुलाबो के बाद प्रदेश में दूसरी वो घटना उजागर हुई है जो सुनने मात्र से सिहरन पैदा कर देती है।वर्तमान में कालबेलिया नृत्य को लेकर देश विदेश में राजस्थान और अपने नाम का उजियारा फ़ैलाने वाली कलाकार मीना सपेरा को भी घरवालों ने बचपन में ही जमीन में जिन्दा गाड़ दिया था। जब यह बात लन्दन में कार्यक्रम देने गईं बड़ी बहन सोबती सपेरा को पता चली तो उसने लन्दन में ही खानदान की मान्यताओं के विरुद्ध जाकर शादी कर लेने की पिता कालू नाथ सपेरा को धमकी दी तब जाकर मीना को जमीन में से वापस निकाला गया। गौरतलब है कि सपेरा जाति में अन्य जाति-धर्म में विवाह करने पर उस परिवार को बिरादरी बाहर कर दिया जाता है। मीना सहित पांच बहन और चार भाई परिवार में हैं।मीना का कहना यह भी है कि पिता के अनपढ़ और पुरानी सोच होने के कारण ही उसे जमीन में गाड़ा गया। मीना का परिवार मूलतः कोटा के अनतपुरा का रहने वाला है लेकिन कई वर्षों से जयपुर के पानीपेच स्थित कलाकार कॉलोनी में ही पूरा परिवार रहता है।
आज नाम रोशन कर रही मीना
बेटियों के लिए हमेशा से ही कठोर परीक्षा का दौर देखने को मिला है। पुरुष प्रधान समाज ने चाहे चोरी छुपे ही क्यों न हो बेटियों को तिरस्कार भाव से देखा है। बेटों को उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी है लेकिन यह भी पूरी तरह सत्य है कि बेटियों ने माता-पिता को उम्र के उस मुहाने पर भी संभाला है जब उत्तराधिकारी पुत्रों ने सहारा देने से मुंह मोड़ लिया था।
कालबेलिया नृत्यांगना गुलाबो के बाद प्रदेश में दूसरी वो घटना उजागर हुई है जो सुनने मात्र से सिहरन पैदा कर देती है।वर्तमान में कालबेलिया नृत्य को लेकर देश विदेश में राजस्थान और अपने नाम का उजियारा फ़ैलाने वाली कलाकार मीना सपेरा को भी घरवालों ने बचपन में ही जमीन में जिन्दा गाड़ दिया था। जब यह बात लन्दन में कार्यक्रम देने गईं बड़ी बहन सोबती सपेरा को पता चली तो उसने लन्दन में ही खानदान की मान्यताओं के विरुद्ध जाकर शादी कर लेने की पिता कालू नाथ सपेरा को धमकी दी तब जाकर मीना को जमीन में से वापस निकाला गया। गौरतलब है कि सपेरा जाति में अन्य जाति-धर्म में विवाह करने पर उस परिवार को बिरादरी बाहर कर दिया जाता है। मीना सहित पांच बहन और चार भाई परिवार में हैं।मीना का कहना यह भी है कि पिता के अनपढ़ और पुरानी सोच होने के कारण ही उसे जमीन में गाड़ा गया। मीना का परिवार मूलतः कोटा के अनतपुरा का रहने वाला है लेकिन कई वर्षों से जयपुर के पानीपेच स्थित कलाकार कॉलोनी में ही पूरा परिवार रहता है।
आज नाम रोशन कर रही मीना
अपनी गलती को वर्तमान में मीना के पिता कालू नाथ सपेरा भी मानते हैं। मीना कालबेलिया नृत्य में प्रदेश की लोकप्रिय कलाकार बन स्थापित हो चुकी है।
दर्जनभर देशों में दे चुकी प्रस्तुति
मीना ने पेरिस, बेल्जियम, इटली, स्विट्जरलैंड, केनिया, दुबई, स्वीडन और बेलारूस सहित एक दर्जन से ज्यादा विदेशी धरा पर अपने हुनर से कलाप्रेमियों को अपना मुरीद बनाया हुआ है। मीना आईसीसीआर की और से भी कई देशों में प्रस्तुति दे चुकी हैं।
दर्जनभर देशों में दे चुकी प्रस्तुति
मीना ने पेरिस, बेल्जियम, इटली, स्विट्जरलैंड, केनिया, दुबई, स्वीडन और बेलारूस सहित एक दर्जन से ज्यादा विदेशी धरा पर अपने हुनर से कलाप्रेमियों को अपना मुरीद बनाया हुआ है। मीना आईसीसीआर की और से भी कई देशों में प्रस्तुति दे चुकी हैं।