राहुल गौतम/जयपुर (विशेष रिपोर्ट)
जयपुर के वरिष्ठ फनकार पं. विश्वमोहन भट्ट को पद्मश्री और पद्मभूषण सरीखे अलंकरण से नवाजा गया। निश्चित ही यह राजधानी जयपुर के लिए बड़े गौरव की बात है। जयपुरवासियों को अपने अजीज फनकार पं.भट्ट और उनके हुनर पर गर्व है। पं. विश्वमोहन भट्ट को विख्यात ग्रेमी अवॉर्ड हासिल करने का भी गौरव प्राप्त है। लेकिन जिस पश्चिमी साज गिटार को अथक परिश्रम से नवीन स्वरूप प्रदान कर मोहनवीणा के रूप में मान्यता दिलाई। उस साज के संरक्षण के लिए सरकार ने अपने स्तर पर कुछ नहीं किया।जबकि पं.भट्ट ने जयपुर से बाहर भी दुनियाभर में इस साज के नाम को रोशन किया। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के साथ ही राजस्थान संगीत संस्थान सरीखी जगहों पर मोहनवीणा की विधिवत तालीम विशेष कोर्स के माध्यम से प्रदेशभर के संगीत के विद्यार्थियों को दिलाई जानी चाहिए। इन विद्यार्थियों को समय-समय पर पं. विश्वमोहन भट्ट से रूबरू भी कराया जाना चाहिये ताकि उनसे नवांकुर प्रेरणा ले सकें।